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मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

पारस सकलेचा का पुतला जलाया

रतलाम विधायक पारस सकलेचा ने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ते हुए पुर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी को 31 हजार मतो से हराकर जीत हासिल करी थी। इस जीत मे रतलाम के अल्पसंख्यक वर्ग (जो की कांग्रेस को वोट बैंक था)ने खुलकर मतदान पारस सकलेचा के पक्ष मे किया था जिसकी वजह से पारस सकलेचा की जीत हुई वहीं कांग्रेस को मात्र 4500 वोट मिलने पर वह अपनी जमानत भी नही बचा पाई थी। उन्ही अल्पसंख्यक वर्ग के लोगो ने पारस सकलेचा के द्वारा लोकसभा चुनाव मे भाजपा को समर्थन देने पर पुरे रतलाम शहर मे जगह जगह पुतला फुंककर अपना विरोध जताया था।

रिपोर्टर नरेन्द्र जोशी (रिपोर्टर रतलाम)
केमरा परसन-- अरविन्द गौस्वामी
वाईस आफ इंडीया रतलाम

क्यूं कहते हो मेरे साथ कुछ भी बेहतर नही होता,
सच ये है के जैसा चाहो वैसा नही होता...
कोई सह लेता है कोई कह लेता है,
क्यूँकी ग़म कभी ज़िंदगी से बढ़ कर नही होता...
आज अपनो ने ही सीखा दिया हमे,
यहाँ ठोकर देने वाला हैर पत्थर नही होता...
क्यूं ज़िंदगी की मुश्क़िलो से हारे बैठे हो,
इसके बिना कोई मंज़िल, कोई सफ़र नही होता...
कोई तेरे साथ नही है तो भी ग़म ना कर,
ख़ुद से बढ़ कर दुनिया में कोई हमसफ़र नही होता....."